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1 साल में 8 हजार 8 सौ लोगों की मौत:ट्रैफिक पुलिस चला रही है जागरूकता अभियान, ब्लैक स्पॉट की आसानी से होगी पहचान

पटना यातायात पुलिस सड़क सुरक्षा सप्ताह मना रही है। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों, स्कूल, कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम 11 से 17 जनवरी तक चलेगा। कार्यक्रम का उद्देश्य सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु को कम करना है। पिछले साल 2023 की बात करें तो केवल बिहार में 8 हजार 800 लोगों की मौत रोड एक्सीडेंट में हुई थी। पटना के शहरी इलाके गांधी मैदान, सगुना मोड़, बाईपास 375 सड़क दुर्घटना हुई थी, जिसमें 220 लोगों को जान गवानी पड़ी थी। 193 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके अलावा शहर के अंदर जो NPR (नंबर प्लेट रिकग्निशन) के कैमरे खराब हो गए थे, उन्हें भी ठीक करा लिया गया है। महज अब 4 जगहों पर ही कैमरे खराब हैं।

 

ट्रैफिक SP पूरन झा ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 जनवरी से 17 जनवरी के बीच मना रहे हैं। NCC, स्काउट गाइड, नेहरू युवा के सहयोग से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। बिहार के अंदर एक वर्ष में लगभग 8800 के आसपास सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है, जो मर्डर में हुए कुल मौत का तीन गुना ज्यादा है। इसमें सबसे अधिक 18 से 40 वर्ष तक के आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। इसको रोकने के लिए पटना ट्रैफिक पुलिस समय समय पर सड़क सुरक्षा सप्ताह के जैसे एवर्नेस प्रोग्राम चला रही है।

ऑनलाइन होगी ब्लैक स्पॉट की पहचान

हाल ही में लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए हेलमेट भी बांटा गया था। सभी सेक्टर पर मैनुअल और समन की कार्रवाई भी हो रही है। ट्रैफिक SP ने कहा कि हम यही सबसे अपील करेंगे कि ट्रैफिक के नियमों का पालन करें। जब भी बाइक पर निकले, तो हेलमेट पहनकर ही निकलें। दो से अधिक लोग दो पहिया वाहन पर नहीं सवार हों। कार में हैं, तो सीट बेल्ट जरूर लगाएं। स्पीड लिमिट का ख्याल रखें। हमेशा अपनी लेन में ही गाड़ी चलाएं। रॉन्ग ड्राइविंग बिलकुल नहीं करें। साथ ही साथ उन्होंने बताया कि पटना यातायात पुलिस द्वारा ICCC (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) और आई-रेड (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा) को इंटीग्रेट किया जा रहा है, जिससे ब्लैक स्पॉट की पहचान ऑनलाइन माध्यम से की जा सकेगी।

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